उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना

 किसानों की सुरक्षा की एक नई पहल

भारत की कृषि व्यवस्था सदियों से किसानों के श्रम पर आधारित रही है। उत्तर प्रदेश, जहां कृषि जीवन का एक मुख्य आधार है, वहाँ किसानों की मेहनत के साथ-साथ उनका जोखिम भी बढ़ता जा रहा है। खेतों में काम करते समय आए दिन किसानों के साथ दुर्घटनाएँ हो जाती हैं, जिससे न केवल उनका जीवन प्रभावित होता है बल्कि उनके परिवारों पर भी आर्थिक संकट आ जाता है।

ऐसी ही परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य है दुर्घटना के कारण जान गंवाने वाले या स्थायी रूप से विकलांग हो चुके किसानों या उनके परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करना।

योजना की मुख्य विशेषताएं

इस योजना के अंतर्गत अगर किसी किसान की खेत में काम करते समय दुर्घटना से मृत्यु हो जाती है या वह स्थायी विकलांग हो जाता है, तो सरकार की ओर से ₹5 लाख तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता राशि मृतक के परिजनों या विकलांग हुए व्यक्ति के नाम बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।

यह योजना केवल उन्हीं किसानों के लिए है जो खेती करते हैं, चाहे वो भूमि के मालिक हों या पट्टेदार या किराए पर खेती करने वाले। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि योजना का लाभ अधिकतम किसानों तक पहुँचे और उन्हें किसी भी आपदा की स्थिति में मदद मिले।

योजना का उद्देश्य

इस योजना के पीछे सरकार की यह मंशा है कि किसी दुर्घटना के बाद किसान परिवार को आर्थिक संकट न झेलना पड़े। जब परिवार का मुख्य कमाने वाला सदस्य दुर्घटना का शिकार हो जाए, तब सरकार की यह सहायता उनके जीवन को फिर से पटरी पर लाने में मदद करती है। साथ ही, यह योजना खेती करने वालों में एक विश्वास भी पैदा करती है कि सरकार उनके साथ है।

पात्रता की शर्तें

इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ जरूरी पात्रता शर्तें तय की गई हैं:

  • लाभार्थी उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए

  • वह व्यक्ति किसान होना चाहिए, चाहे मालिक, पट्टेदार या बटाईदार

  • दुर्घटना खेती से जुड़ी गतिविधियों के दौरान हुई हो

  • मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में आवेदन नियत समयसीमा में किया गया हो

क्या-क्या दुर्घटनाएं शामिल हैं

इस योजना में वे सभी दुर्घटनाएं शामिल की गई हैं जो किसान की खेती से जुड़ी गतिविधियों के दौरान होती हैं। जैसे:

  • खेत में बिजली का करंट लगना

  • सांप या जंगली जानवरों के काटने से मौत

  • खेत में आग लगने से जान का नुकसान

  • ट्रैक्टर या किसी कृषि उपकरण से दुर्घटना

  • खेत में काम करते समय गिरना या चोट लगना

  • छत या पेड़ से गिरना

सरकार ने यह तय किया है कि कोई भी ऐसी दुर्घटना जिसमें किसान की जान जाए या वह अपंग हो जाए और जो खेती से सीधे तौर पर जुड़ी हो, वह इस योजना के तहत कवर की जाएगी।

सहायता की राशि

योजना के अंतर्गत मिलने वाली सहायता राशि इस प्रकार है:

  • मृत्यु की स्थिति में – ₹5 लाख

  • 70% या उससे अधिक स्थायी विकलांगता – ₹5 लाख

  • आंशिक विकलांगता – ₹2 लाख या ₹1 लाख तक (स्थिति के अनुसार)

संपूर्ण राशि लाभार्थी के बैंक खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से जमा की जाती है।

आवेदन की प्रक्रिया

अगर किसी किसान की दुर्घटना होती है, तो परिजनों को नीचे दी गई प्रक्रिया अपनानी होती है:

  1. संबंधित तहसील या ब्लॉक कार्यालय में जाकर आवेदन फॉर्म प्राप्त करें

  2. आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज लगाएं जैसे:

    • मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र या विकलांगता प्रमाण पत्र

    • पुलिस रिपोर्ट या प्राथमिकी (FIR)

    • आधार कार्ड और बैंक खाता विवरण

    • जमीन से संबंधित दस्तावेज

  3. आवेदन जमा करने की समय सीमा घटना के 45 दिन के भीतर है

  4. दस्तावेजों की जांच के बाद जिला स्तर पर आवेदन स्वीकृत किया जाता है

  5. स्वीकृति के बाद निर्धारित सहायता राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है

इस योजना से जुड़ी कुछ और बातें

सरकार का यह प्रयास है कि इस योजना के तहत किसी भी पात्र किसान को वंचित न रखा जाए। इसलिए समय-समय पर ग्राम पंचायतों, कृषि विभाग और राजस्व अधिकारियों द्वारा लोगों को योजना की जानकारी दी जाती है।

साथ ही, यदि किसी कारणवश सहायता राशि मिलने में देरी होती है, तो परिजन जिलाधिकारी कार्यालय या कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

इस योजना का समाज पर प्रभाव

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना ने हजारों किसान परिवारों को मुश्किल समय में सहारा दिया है। जब किसी किसान की मौत होती है तो उस परिवार के लिए सब कुछ रुक सा जाता है। कमाई बंद, खर्चे बढ़ जाते हैं। ऐसे में ₹5 लाख की राशि परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत बनाती है और बच्चों की पढ़ाई, इलाज या अन्य जरूरतों को पूरा करने में मदद करती है।

यह योजना ग्रामीण समाज में एक सुरक्षा कवच की तरह काम कर रही है। अब किसान खेती करते समय यह जानते हैं कि अगर कोई अनहोनी हुई, तो सरकार उनके परिवार के साथ खड़ी होगी।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच है। यह योजना केवल एक आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि सरकार की उस जिम्मेदारी का प्रतीक है जो वह अपने अन्नदाताओं के प्रति निभा रही है। यदि इस योजना की जानकारी हर गांव-गांव तक पहुंचाई जाए और आवेदन प्रक्रिया को और सरल बनाया जाए, तो यह अधिक प्रभावशाली बन सकती है।

कृषक परिवारों को केवल खेत में काम करने की नहीं, बल्कि सुरक्षित भविष्य की भी जरूरत है। और यह योजना उस सुरक्षित भविष्य की ओर एक मजबूत कदम है।

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