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उत्तराखंड देवभूमि परिवार योजना 2025

 भारत के कई राज्यों में परिवार-आधारित डिजिटल पहचान को सरकारी योजनाओं से जोड़ना अब एक सामान्य और प्रभावी व्यवस्था बन चुकी है। जिस तरह उत्तर प्रदेश में Family ID – Ek Parivar Ek Pahchan , हरियाणा में Parivar Pehchan Patra (PPP) , राजस्थान में Jan Aadhaar Card , और मध्य प्रदेश में Samagra ID सरकारी योजनाओं का आधार बनी हुई हैं, उसी दिशा में अब उत्तराखंड सरकार ने भी एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने वर्ष 2025 में "देवभूमि परिवार योजना" शुरू करने का फैसला लिया है, जिसके तहत राज्य की हर परिवार इकाई को एक Unique Family ID (यूनीक फैमिली आइडेंटिफिकेशन नंबर) दिया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य एक ऐसी सटीक, एकीकृत और पारदर्शी डेटाबेस व्यवस्था तैयार करना है जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही और वास्तविक परिवारों तक ही पहुंचे। देवभूमि परिवार योजना क्या है? देवभूमि परिवार योजना एक ऐसी राज्य स्तरीय डिजिटल पहचान प्रणाली है, जिसके माध्यम से हर परिवार को एक यूनिक नंबर दिया जाएगा। इस नंबर में परिवार के सभी सदस्यों की आवश्यक जानकारी दर्ज होगी, जैसे— नाम आयु आधार...

उत्तराखण्ड मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना

मातृ एवं शिशु कल्याण की दिशा में बड़ा कदम भारत में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य हमेशा से सरकारों की प्राथमिकता में रहा है। हर राज्य अपनी-अपनी योजनाओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए प्रयासरत है। इसी कड़ी में उत्तराखण्ड सरकार ने वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना की शुरुआत की। इस योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर माताओं को प्रसव के बाद आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराना और नवजात शिशु की देखभाल को सरल बनाना है। योजना की शुरुआत और उद्देश्य उत्तराखण्ड सरकार ने यह योजना 2021 में शुरू की। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि गरीब एवं जरूरतमंद परिवारों की महिलाओं और नवजात शिशुओं को जन्म के तुरंत बाद बुनियादी सामग्री मिल सके। अक्सर देखा गया है कि कम आय वाले परिवार प्रसव के बाद आवश्यक वस्तुएं खरीदने में सक्षम नहीं होते, जिससे माँ और बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इस स्थिति को सुधारने के लिए सरकार ने महालक्ष्मी किट प्रदान करने की पहल की। महालक्ष्मी किट में क्या मिलता है? योजना के अंतर्गत माँ और नवजात शिशु दोनों के लिए आवश्यक सामग्री दी जाती है। म...

उत्तराखंड देवभूमि उद्यमिता योजना

 स्वरोजगार की नई उड़ान उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से देवभूमि उद्यमिता योजना की शुरुआत की गई है। यह योजना न केवल स्वरोजगार को बढ़ावा देती है बल्कि पहाड़ों से हो रहे पलायन को भी रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस योजना के तहत राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को उद्यमी बनने के लिए वित्तीय सहायता, मार्गदर्शन और प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाता है। देवभूमि उद्यमिता योजना का उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के युवाओं में उद्यमिता की भावना को बढ़ावा देना है ताकि वे स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकें और अन्य लोगों को भी रोजगार दे सकें। योजना विशेष रूप से ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों के युवाओं को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है, जिससे स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर सतत विकास हो सके। कौन उठा सकता है लाभ इस योजना का लाभ उत्तराखंड राज्य के निवासी युवा उठा सकते हैं, जिनकी उम्र 18 से 45 वर्ष के बीच है और जिन्होंने कम से कम कक्षा 10वीं तक की शिक्षा प्राप्त की हो। इसके अलावा वे युवा जो पहले से किसी सरकारी या गै...

उत्तराखण्ड मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना

 आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सशक्त कदम प्रस्तावना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में शुरू की गई है मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना । यह योजना विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए है जो विधवा, तलाकशुदा या परित्यक्ता हैं और स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं। इस लेख में हम योजना की विस्तृत जानकारी , लाभ , पात्रता , दस्तावेज , आवेदन प्रक्रिया , महत्वपूर्ण लिंक , और FAQs साझा कर रहे हैं ताकि आपको सारी जानकारी एक ही जगह मिल सके। योजना का उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की एकल महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इससे वे अपना व्यवसाय शुरू कर सकेंगी और समाज में सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर सकेंगी। योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ ₹50,000 से लेकर ₹2 लाख तक का बिजनेस लोन एकल महिलाओं को उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार द्वारा 75% सब्सिडी प्रदान की जाएगी या अधिकतम ₹1,50,000/- तक की सब्सिडी दी जाएगी। शेष बचा हुआ ऋण (Loan) महिला लाभार्थी को स्वयं लौटाना होगा...

उत्तराखंड मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना

 उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना (Mukhyamantri Bal Poshan Yojana) राज्य के बच्चों के लिए एक दूरदर्शी और संवेदनशील प्रयास है। यह योजना 3 से 6 वर्ष के बच्चों को आवश्यक पोषण उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से शुरू की गई है ताकि बाल्यावस्था में ही उनके अच्छे स्वास्थ्य की बुनियाद रखी जा सके। बाल पोषण का महत्व केवल शारीरिक विकास तक सीमित नहीं है, यह मानसिक स्वास्थ्य, सीखने की क्षमता और सामाजिक व्यवहार को भी प्रभावित करता है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने इस योजना को आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से जमीनी स्तर पर लागू किया है। योजना की विशेषताएँ लक्ष्य समूह : 3 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चे कार्यान्वयन एजेंसी : महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, उत्तराखंड वितरण माध्यम : राज्यभर के आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों को सप्ताह में दो दिन विशेष पोषण आहार प्रदान किया जाता है। जो बच्चे अंडा नहीं खाते, उन्हें विकल्प के रूप में केला चिप्स या समतुल्य ऊर्जा-संपन्न भोजन दिया जाता है। इस योजना के लाभ कुपोषण में कमी : उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में, जहां क...

मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना उत्तराखण्ड

  मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना उत्तराखण्ड : महिलाओं के लिए पोषण सुरक्षा की नई पहल उत्तराखण्ड सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना (Mukhyamantri Mahila Poshan Yojana Uttarakhand) राज्य की गर्भवती और धात्री महिलाओं के पोषण स्तर को सुधारने की दिशा में एक अहम कदम है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को संतुलित और पौष्टिक आहार प्रदान कर मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करना है। योजना का उद्देश्य (Objective of Mahila Poshan Yojana) इस योजना का मुख्य उद्देश्य है: गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को उचित पोषण देना। माताओं और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधार लाना। कुपोषण की स्थिति को कम करना और स्वस्थ समाज का निर्माण करना। योजना के लाभ (Benefits of Mukhyamantri Mahila Poshan Yojana) मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के तहत लाभार्थियों को निम्नलिखित सुविधाएं मिलती हैं: सप्ताह में दो दिन अंडा प्रदान किया जाता है। जो महिलाएं अंडा नहीं खाती हैं, उन्हें सप्ताह में दो दिन खजूर दिए जाते हैं। सीधे आंगनबाड़ी केंद्र से पोषण आहार का वितरण होता है। महिलाओं और ...