झारखंड मुख्यमंत्री अधिवक्ता स्वास्थ्य बीमा योजना
राज्य के अधिवक्ताओं और उनके आश्रितों के स्वास्थ्य‑सुरक्षा के लिए झारखंड सरकार की “मुख्यमंत्री अधिवक्ता स्वास्थ्य बीमा योजना” एक ऐतिहासिक कदम है। यह पहल उन मेहनती पेशेवरों के लिए बनाई गई है, जो न्याय व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में योगदान देते हैं। इस लेख में लगभग 1000 शब्दों में योजना का पूरा विश्लेषण, इसका कार्यान्वयन, फायदे, पात्रता व प्रक्रिया सरल और मानव‑सहज लहजे में प्रस्तुत किया गया है।
योजना का परिचय
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 1 मई 2025 को देश में पहली बार किसी राज्य के अधिवक्ताओं व उनके परिवारों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना का शुभारंभ किया। योजना के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
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5 लाख रुपये तक सामान्य बीमारियों पर कवर
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10 लाख रुपये तक गंभीर रोगों व चिकित्सा पर कवर
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कैशलैस उपचार सुविधा सरकारी व निजी नेटवर्क अस्पतालों में
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अधिवक्ताओं की पंजीकरण समिति के तहत योजना लागू
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बीमा प्रीमियम पूरी तरह सरकार द्वारा वहन
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पहली चरण में लगभग 15,000 अधिवक्ताओं को योजना से जोड़ा गया, और 27,000 तक विस्तार का लक्ष्य
इस योजना को झारखंड स्टेट आरोग्य सोसायटी (JSAS) द्वारा नवम TATA AIG के साथ मिलकर लागू किया गया।
कौन लाभान्वित होंगे?
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योजना उन अधिवक्ताओं को कवर करती है जो झारखंड अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति के अंतर्गत पंजीकृत हैं।
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उनके साथ-साथ उनकी पढ़ने‑लिखने व आश्रित परिवार की सदस्य/पत्नियाँ/बच्चे/माता-पिता भी योजना का लाभ उठा सकते हैं।
मानदंडों के अनुसार, आश्रितों में शामिल हैं:
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पत्नी/पति, बेटे/बेटियाँ (25 वर्ष तक और बेरोजगार हो)
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अविवाहित या विधवा बेटी
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नाबालिग भाई-बहन
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माता-पिता (जो कम पेंशन प्राप्त करते हैं या दिव्यांग हों)
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महिला अधिवक्ता के मामले में सास/ससुर भी शामिल हो सकते हैं
बीमा राशि और उपचार सुविधा
योजना के अंतर्गत:
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5 लाख रुपये तक सामान्य चिकित्सा कार्यों का बीमा
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10 लाख रुपये तक गंभीर बीमारियों, आपातकालीन और ऑपरेशन कवर
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उपचार नेटवर्क अस्पतालों में कैशलैस प्रक्रिया के माध्यम से
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नेटवर्क से बाहर इलाज कराने पर खर्च का रिबर्समेंट भी संभव
सरकार बैंक और TATA AIG के सहयोग से हीर्स्ट लैनेज़ के तहत यह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
आवेदन और पंजीकरण प्रक्रिया
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अधिवक्ता झारखंड स्टेट एडवोकेट वेलफेयर फंड न्यासी समिति की वेबसाइट पर लॉगिन करेंगे।
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आवश्यक विवरण भरकर पंजीकरण कर सकेंगे (आधार, पंजीकरण संख्या, मोबाइल एवं आश्रितों का विवरण)।
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पंजीकरण के बाद उन्हें स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाएगा।
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नेटवर्क अस्पतालों में उपचार के समय यह कार्ड दिखाना होगा।
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गैर-नेटवर्क अस्पतालों में इलाज कराने के बाद बिल जमा करके धनराशि वापस प्राप्त की जा सकती है।
प्रीमियम भुगतान और योजना अवधि
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सरकार पहली साल के लिए ₹6,000 प्रति परिवार का प्रीमियम भरेंगी।
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अगले वर्ष के लिए राशि ₹5,000 निर्धारित की गई है।
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योजना की अवधि 1 मई 2025 से 28 फरवरी 2026 (प्रथम वर्ष) और 1 मार्च 2026 से 28 फरवरी 2027 (दूसरा वर्ष) तक है।
सरकार ने सभी कम्प्लायंट और समय पर प्रीमियम भुगतान करने का संकल्प लिया है, ताकि लाभार्थियों को निरंतर सुविधा मिलती रहे।
अन्य उपाय और सामर्थ्य
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राज्य सरकार ने इस बीमा योजना को पहली बार किसी राज्य में खोली है, जिससे झारखंड का नाम प्रकाश में आया।
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मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य‑सशक्त अधिवक्ताओं के लिए इसके सकारात्मक पहलुओं पर जोर दिया।
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झारखंड राज्य के हितों के साथ न्याय व्यवस्था के बीच बेहतर संतुलन स्थापित होने की उम्मीद है।
प्रभाव और संभावनाएँ
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अधिवक्ताओं को आर्थिक रूप से राहत, जिससे उनका ध्यान पेशेवर कार्यों पर स्थिर हो
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कैशलैस इलाज सुविधा से समय व मानसिक तनाव में कमी
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पारिवारिक स्वास्थ्य को आर्थिक जोखिम मुक्त बनाने की क्षमता
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राज्य में न्यायिक प्रतिष्ठा को बढ़ावा मिलना
चुनौतियाँ व सुझाव
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योजना में अभी तक लगभग 15,000 ही जुड़े हैं, जबकि लक्षित संख्या अधिक है
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ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधा केंद्रों की संख्या कम है
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नेटवर्क अस्पतालों का परिसीमन और गुणात्मक विस्तार महत्वपूर्ण है
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लाभार्थियों को इस योजना की जानकारी सक्रिय रूप से उपलब्ध करानी चाहिए
रैली और प्रचार
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मुख्यमंत्री ने योजना की शुरुआत स्वयं की, जो ‘लोक जागरूकता’ को मजबूती दे रहा है
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अधिवक्ता संघ, बार काउंसिल, जिला कोटा संगठन मिलकर प्रचार में जुटे हैं
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सोशल मीडिया, समाचार पत्र, पोर्टलों के माध्यम से जानकारी फैल रही है
निष्कर्ष
झारखंड की “मुख्यमंत्री अधिवक्ता स्वास्थ्य बीमा योजना” एक ज़बरदस्त सरकारी पहल है, जिसमें न्याय पेशा से जुड़े लोगों व उनके आश्रितों को कैशलैस मेडिकल सुविधा, विशाल बीमा कवरेज, और सरकारी प्रीमियम सुरक्षा दी जाती है। यह योजना न केवल झारखंड में बल्कि पूरे देश में अधिवक्ताओं के लिए एक मॉडल के रूप में काम करती है।
यह पहल यह दर्शाती है कि सामाजिक सुरक्षा केवल बेरोजगारों या गरीबों तक सीमित नहीं है, बल्कि न्याय-संबंधित पेशेवाले भी एक संवेदनशील और जिम्मेदार नागरिक वर्ग हैं। यदि आप झारखंड में पंजीकृत हैं, तो अभी इस योजना का लाभ ज़रूर उठाएँ और अपने-परिवार के स्वास्थ्य को मजबूत आधार दें।
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