बिहार गुरु-शिष्य परंपरा योजना
बिहार सरकार की सांस्कृतिक धरोहर बचाने की पहल भारत की पहचान उसकी संस्कृति, कला और परंपरा से होती है। समय के साथ लोकगीत, लोकनृत्य, लोकनाट्य और पारंपरिक चित्रकला जैसी कलाएँ लुप्त होती जा रही हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने गुरु-शिष्य परंपरा योजना 2025 शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य परंपरागत कला और संस्कृति को जीवित रखना तथा नए पीढ़ी तक पहुँचाना है। इस योजना के अंतर्गत पारंपरिक कला के गुरु, शिष्य और संगत कलाकारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इससे कलाकार न केवल अपनी आजीविका चला पाएंगे बल्कि समाज में लोककला का संरक्षण भी कर सकेंगे। योजना का उद्देश्य बिहार सरकार ने इस योजना को इसलिए शुरू किया है ताकि – लुप्त हो रही कला और संस्कृति को बचाया जा सके। अनुभवी कलाकारों (गुरु) को सम्मान और सहयोग दिया जा सके। नई पीढ़ी (शिष्य) को परंपरागत कला सिखाई जा सके। लोक कलाकारों को नियमित आर्थिक सुरक्षा मिले। कला के क्षेत्र में रोजगार और पहचान बढ़े। योजना के लाभ इस योजना में तीन वर्गों के लाभार्थियों को अलग-अलग वित्तीय सहायता दी जाएगी। गुरु को सहायता – ₹1...