राजस्थान प्रसूति सहायता योजना
परिचय
राजस्थान सरकार समय-समय पर महिलाओं और श्रमिकों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू करती रहती है। ऐसी ही एक महत्वपूर्ण योजना है राजस्थान प्रसूति सहायता योजना। यह योजना राज्य के निर्माण श्रमिकों को मातृत्व सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिक या पंजीकृत पुरुष निर्माण श्रमिक की पत्नी को संतान जन्म पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
इस योजना का उद्देश्य श्रमिक वर्ग की महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान और बच्चे के जन्म के बाद आर्थिक सहायता देना है ताकि वह समय पर उचित देखभाल कर सकें। यह न केवल माँ और बच्चे के स्वास्थ्य को सुरक्षित बनाता है, बल्कि सामाजिक सुरक्षा की दृष्टि से भी एक सराहनीय कदम है।
योजना के तहत दी जाने वाली सहायता
राजस्थान प्रसूति सहायता योजना के अंतर्गत निम्न प्रकार की वित्तीय सहायता दी जाती है:
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बालिका के जन्म पर ₹21,000/-
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बालक के जन्म पर ₹20,000/-
यह राशि तीन किस्तों में दी जाती है। यह सहायता सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भेजी जाती है।
इस योजना की अधिक जानकारी और आवेदन प्रक्रिया:
पात्रता (Eligibility Criteria)
राजस्थान प्रसूति सहायता योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को कुछ पात्रता मानदंडों को पूरा करना आवश्यक होता है:
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केवल पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिक या पंजीकृत पुरुष निर्माण श्रमिक की पत्नी ही योजना के लिए पात्र हैं।
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आवेदक राजस्थान का स्थायी निवासी होना चाहिए।
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बच्चा अस्पताल, सीएचसी (CHC), या किसी भी पंजीकृत चिकित्सा संस्थान में जन्मा होना चाहिए।
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यह लाभ अधिकतम दो बच्चों के जन्म पर ही मान्य है।
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महिला श्रमिक की आयु कम से कम 20 वर्ष होनी चाहिए।
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आवेदक को BOCW वेलफेयर बोर्ड के मासिक योगदान का डिफाल्टर नहीं होना चाहिए।
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बच्चे के जन्म के 180 दिन (छह महीने) के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है।
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को मातृत्व के समय सहायता प्रदान करना है। साथ ही, यह योजना नवजात शिशु की देखभाल के लिए मां को आर्थिक रूप से मजबूत करने का कार्य करती है। इससे मातृत्व के समय होने वाले खर्चों का भार कम होता है और महिला स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने में सक्षम हो पाती है।
आवश्यक दस्तावेज
इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
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आवेदक का पंजीकरण प्रमाण पत्र (BOCW Board से)
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आधार कार्ड / पहचान पत्र
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स्थायी निवास प्रमाण पत्र
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बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र
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अस्पताल / चिकित्सा संस्थान से प्रमाण पत्र
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बैंक खाता विवरण (बैंक पासबुक की प्रति)
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पासपोर्ट साइज फोटो
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यदि पुरुष श्रमिक की पत्नी आवेदन कर रही है, तो विवाह प्रमाण पत्र
आवेदन प्रक्रिया
राजस्थान प्रसूति सहायता योजना में आवेदन की प्रक्रिया सरल है। आवेदक ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकता है।
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ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया:
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सबसे पहले राजस्थान श्रमिक कल्याण पोर्टल पर जाएं।
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वहाँ पर 'प्रसूति सहायता योजना' को खोजें और फॉर्म भरें।
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आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और फॉर्म सबमिट करें।
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आवेदन की स्थिति आप पोर्टल से ट्रैक भी कर सकते हैं।
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ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया:
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निकटतम श्रम कार्यालय या BOCW बोर्ड कार्यालय से फॉर्म प्राप्त करें।
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फॉर्म को सही ढंग से भरकर आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।
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संबंधित अधिकारी को जमा करें।
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किस्तों का विवरण
यह योजना तीन चरणों में आर्थिक सहायता देती है:
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पहली किस्त: गर्भावस्था के दौरान प्रारंभिक जांच और पंजीकरण के बाद
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दूसरी किस्त: बच्चे के जन्म के तुरंत बाद
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तीसरी किस्त: टीकाकरण और चिकित्सा जांच पूर्ण होने पर
महत्वपूर्ण निर्देश
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आवेदन केवल पहले दो बच्चों के लिए ही मान्य है।
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आवेदन की अंतिम तिथि बच्चे के जन्म के 180 दिन के भीतर है।
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सभी दस्तावेज सही और वैध होने चाहिए, अन्यथा आवेदन रद्द किया जा सकता है।
सम्पर्क विवरण
यदि आवेदन प्रक्रिया या योजना के बारे में कोई भी प्रश्न हो, तो आप अपने जिले के श्रम कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं या राजस्थान भवन और अन्य निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
निष्कर्ष
राजस्थान प्रसूति सहायता योजना एक महत्वपूर्ण कदम है राज्य सरकार की ओर से श्रमिक महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए। यह योजना न केवल आर्थिक सहयोग प्रदान करती है, बल्कि महिला और नवजात शिशु की स्वास्थ्य सुरक्षा भी सुनिश्चित करती है।
यदि आप इस योजना के पात्र हैं, तो समय पर आवेदन कर इस लाभ को प्राप्त करें और अपने मातृत्व काल को सुरक्षित बनाएं।
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