मध्य प्रदेश पशुधन बीमा योजना
पशुपालकों के लिए आर्थिक सुरक्षा की गारंटी
प्रस्तावना
भारत के ग्रामीण इलाकों में पशुपालन केवल जीविका का साधन नहीं, बल्कि किसानों और ग्रामीण परिवारों की आर्थिक मजबूती का आधार है। दूध, मांस, ऊन और अन्य उत्पादों से होने वाली आय परिवारों को स्थिर आय देती है। लेकिन पशुओं की अचानक मृत्यु होने पर किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इसी समस्या को दूर करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने पशुधन बीमा योजना शुरू की है, ताकि पशुपालकों को एक वित्तीय सुरक्षा कवच प्रदान किया जा सके।
योजना का उद्देश्य
मध्य प्रदेश पशुधन बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य पशुपालकों को उनके पशुओं की अचानक मृत्यु की स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत सरकार पशुओं का बीमा करवाने के लिए प्रीमियम पर सब्सिडी देती है, जिससे किसान और पशुपालक आसानी से अपने पशुओं का बीमा करा सकें।
योजना की प्रमुख विशेषताएं
-
लॉन्च वर्ष: 2014
-
लाभार्थी: मध्य प्रदेश के स्थायी निवासी पशुपालक
-
लाभ: पशुओं का बीमा किफायती दरों पर
-
कवरेज: अधिकतम 5 पशु प्रति पशुपालक
-
प्रीमियम शेयरिंग:
-
एपीएल (Above Poverty Line) – कुल प्रीमियम का 50% पशुपालक को भरना होगा
-
एससी, एसटी, बीपीएल – केवल 30% प्रीमियम
-
शेष राशि मध्य प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार संयुक्त रूप से देगी
-
किन-किन पशुओं का बीमा होगा
इस योजना के तहत विभिन्न प्रकार के पशुओं का बीमा किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:
-
देसी व क्रॉसब्रीड दूध देने वाली गाय
-
देसी व क्रॉसब्रीड दूध देने वाली भैंस
-
ऊंट
-
घोड़ा
-
बकरी
-
गधा
-
सुअर
-
खरगोश
-
नर गाय एवं नर भैंस
लाभार्थियों को मिलने वाले फायदे
-
पशुओं का बीमा किफायती दरों पर
-
पशु की मृत्यु होने पर बाजार मूल्य के बराबर आर्थिक सहायता
-
एक पशुपालक अधिकतम 5 पशुओं का बीमा करा सकता है
-
सरकार द्वारा प्रीमियम में सब्सिडी
-
ऑफलाइन आसान आवेदन प्रक्रिया
पात्रता शर्तें
-
आवेदक मध्य प्रदेश का स्थायी निवासी हो
-
पशुपालक के पास बीमा कराने योग्य पशु हों
-
अधिकतम 5 पशुओं का बीमा कराया जा सकता है
-
प्रीमियम का आंशिक भुगतान करना अनिवार्य है
प्रीमियम की दरें
-
एपीएल श्रेणी: कुल प्रीमियम का 50% पशुपालक द्वारा, शेष 50% सरकार द्वारा
-
एससी, एसटी, बीपीएल श्रेणी: कुल प्रीमियम का 30% पशुपालक द्वारा, शेष 70% सरकार द्वारा (40% राज्य + 30% केंद्र)
आवश्यक दस्तावेज
-
स्थायी निवास प्रमाण पत्र (मध्य प्रदेश)
-
आधार कार्ड
-
समग्र आईडी
-
जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
-
हाल ही का पासपोर्ट साइज फोटो
-
पशु का फोटो
-
बैंक पासबुक की कॉपी व आईएफएससी कोड
-
मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी
आवेदन प्रक्रिया
-
आवेदक को योजना का फॉर्म ग्राम सभा, पशुपालन विभाग के जिला कार्यालय या राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम से प्राप्त करना होगा।
-
फॉर्म को सावधानीपूर्वक भरें और सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।
-
भरे हुए फॉर्म को उसी कार्यालय में जमा करें।
-
अधिकारियों द्वारा दस्तावेज़ों की जांच और स्थल सत्यापन किया जाएगा।
-
बीमा कंपनी के प्रतिनिधि पशु को टैग करेंगे और पॉलिसी जारी करेंगे।
-
प्रीमियम की निर्धारित राशि का भुगतान करने पर बीमा सक्रिय हो जाएगा।
क्लेम प्रक्रिया
-
बीमित पशु की मृत्यु होने पर तुरंत पशुपालन विभाग या राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम को सूचित करें।
-
अधिकारी और बीमा कंपनी का प्रतिनिधि मौके पर जांच करेंगे और पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार होगी।
-
सभी दस्तावेज़ (पॉलिसी, फोटो, पोस्टमार्टम रिपोर्ट) बीमा कंपनी को भेजे जाएंगे।
-
स्वीकृति के बाद पशुपालक को पशु के बाजार मूल्य के बराबर राशि बैंक खाते में भेज दी जाएगी।
संपर्क जानकारी
-
राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम: 0755-2776086 | mplpdcbpl@rediffmail.com
-
पशुपालन एवं डेयरी विभाग निदेशालय: 0755-2772262 | dirveterinary@mp.gov.in
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश पशुधन बीमा योजना उन किसानों और पशुपालकों के लिए एक बड़ी राहत है, जिनका जीवन और आय पूरी तरह पशुपालन पर निर्भर है। यह योजना न केवल उन्हें आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाती है, बल्कि पशुओं के महत्व और देखभाल के प्रति जागरूक भी करती है। यदि आप मध्य प्रदेश के निवासी और पशुपालक हैं, तो इस योजना का लाभ उठाकर अपने पशुओं और भविष्य को सुरक्षित करें।
Comments
Post a Comment