छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना 2025
पवित्र स्थलों की मुफ्त यात्रा का सुनहरा अवसर
भारत एक आस्था प्रधान देश है जहाँ लोग जीवनभर किसी न किसी पवित्र तीर्थ स्थल की यात्रा का सपना देखते हैं। लेकिन कई बार आर्थिक स्थिति या शारीरिक असमर्थता के कारण यह सपना अधूरा रह जाता है। ऐसे ही लोगों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एक ऐतिहासिक पहल की है। 27 मार्च 2025 को मुख्यमंत्री द्वारा “मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना” की शुरुआत की गई। इस योजना के माध्यम से प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं, निराश्रित महिलाओं और दिव्यांगजनों को देशभर के प्रमुख धार्मिक स्थलों की यात्रा पूरी तरह मुफ्त कराई जाएगी।
योजना की मुख्य विशेषताएँ
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योजना का नाम – मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना
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लॉन्च तिथि – 27 मार्च 2025
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लाभार्थी वर्ग –
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वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष या अधिक)
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विधवा महिलाएँ (60 वर्ष से कम)
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निराश्रित महिलाएँ (60 वर्ष से कम)
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दिव्यांगजन (18 वर्ष या अधिक)
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लाभ –
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भारत के 19 प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों की यात्रा
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यात्रा, भोजन और ठहरने की पूरी व्यवस्था निःशुल्क
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सुरक्षा, चिकित्सा और एस्कॉर्ट सुविधा
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दिव्यांग और 65 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए सहायक/अटेंडेंट की सुविधा
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योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छत्तीसगढ़ राज्य के कोई भी बुजुर्ग, विधवा, दिव्यांग या निराश्रित महिला केवल आर्थिक कारणों से धार्मिक यात्रा से वंचित न रहे। सरकार ने यह संकल्प लिया है कि प्रत्येक पात्र नागरिक को जीवन में कम-से-कम एक बार देश के पवित्र स्थलों की यात्रा का अवसर दिया जाए।
किन धार्मिक स्थलों की यात्रा होगी
योजना के पहले चरण में 19 प्रमुख तीर्थ स्थलों को शामिल किया गया है। इनमें शामिल हैं –
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तिरुपति
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रामेश्वरम
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मदुरै
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शिर्डी
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शनि शिंगणापुर
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त्र्यंबकेश्वर
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उज्जैन महाकालेश्वर
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ओंकारेश्वर
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पुरी जगन्नाथ
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द्वारका
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वैष्णो देवी
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मथुरा
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वृंदावन
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हरिद्वार
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काशी विश्वनाथ
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अमृतसर स्वर्ण मंदिर
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बोधगया
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कामाख्या मंदिर
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सबरीमाला मंदिर
यह सूची समय-समय पर राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार बदली भी जा सकती है।
पात्रता शर्तें
योजना का लाभ केवल उन्हीं आवेदकों को मिलेगा जो नीचे दी गई शर्तें पूरी करते हों –
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स्थायी निवास – आवेदक छत्तीसगढ़ राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।
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आयु सीमा –
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वरिष्ठ नागरिक – 60 वर्ष या उससे अधिक
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विधवा और निराश्रित महिलाएँ – 60 वर्ष से कम
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दिव्यांगजन – 18 वर्ष या अधिक
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अन्य शर्तें –
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आवेदक शारीरिक और मानसिक रूप से यात्रा करने योग्य हो।
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आयकर दाता न हो।
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सरकारी कर्मचारी (सेवारत या सेवानिवृत्त) न हो।
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अटेंडेंट की आयु 21 से 50 वर्ष के बीच हो।
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आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के लिए अभी ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध नहीं है। केवल ऑफलाइन आवेदन फॉर्म के माध्यम से ही आवेदन किया जा सकता है।
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आवेदन पत्र ग्राम पंचायत कार्यालय (ग्रामीण क्षेत्रों के लिए) या नगर निगम/नगर पालिका कार्यालय (शहरी क्षेत्रों के लिए) से प्राप्त किया जा सकता है।
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फॉर्म को सावधानीपूर्वक भरें और सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।
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आवेदन उसी कार्यालय में जमा करें जहाँ से फॉर्म लिया गया है।
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संबंधित अधिकारी दस्तावेजों की जाँच करेंगे और पात्र आवेदकों की सूची तैयार करेंगे।
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अंतिम सूची सामाजिक कल्याण विभाग को भेजी जाएगी।
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चयनित लाभार्थियों को पंजीकृत मोबाइल नंबर पर SMS द्वारा यात्रा की तिथि और स्थान की जानकारी दी जाएगी।
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तय समय पर लाभार्थियों को निकटतम प्रस्थान स्थल से ट्रेन या बस में यात्रा कराई जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज
आवेदन पत्र के साथ निम्न दस्तावेज संलग्न करना अनिवार्य है –
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हाल की पासपोर्ट साइज फोटो
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परिवार का राशन कार्ड
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मतदाता पहचान पत्र
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आयु प्रमाण पत्र
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मोबाइल नंबर
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सरपंच (ग्रामीण क्षेत्र) या पार्षद (शहरी क्षेत्र) का प्रमाण पत्र
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ब्लड ग्रुप प्रमाण पत्र
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चिकित्सकीय फिटनेस प्रमाण पत्र
लाभार्थियों को मिलने वाले फायदे
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मुफ्त में देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों की यात्रा
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यात्रा, भोजन और ठहरने की पूरी व्यवस्था सरकार द्वारा
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सुरक्षा और चिकित्सा सुविधा
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विशेष ट्रेन/बस में एस्कॉर्ट और मेडिकल टीम की उपलब्धता
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अटेंडेंट सुविधा (दिव्यांगजन और 65+ आयु वालों के लिए)
विशेष पहल – श्री रामलला दर्शन योजना
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के साथ-साथ सरकार ने “श्री रामलला दर्शन योजना” भी शुरू की है। इसके तहत पात्र नागरिकों को अयोध्या धाम में स्थित श्री राम मंदिर के दर्शन के लिए मुफ्त यात्रा कराई जाएगी।
संपर्क सूत्र
यदि किसी भी प्रकार की जानकारी या सहायता की आवश्यकता हो तो लाभार्थी अपने जिले के सामाजिक कल्याण अधिकारी, ग्रामीण क्षेत्र में सरपंच या शहरी क्षेत्र में नगर निगम आयुक्त से संपर्क कर सकते हैं।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ सरकार की मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना वास्तव में एक संवेदनशील और ऐतिहासिक कदम है। इस योजना से न केवल बुजुर्गों और दिव्यांगों को धार्मिक यात्रा का अवसर मिलेगा, बल्कि उनके आत्मिक और मानसिक संतोष में भी वृद्धि होगी। समाज के उन वर्गों को जो अब तक केवल सपना देख सकते थे, अब जीवन में कम से कम एक बार पवित्र स्थलों के दर्शन का सौभाग्य मिलेगा।
यह योजना प्रदेश की धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समृद्धि को और अधिक मजबूती प्रदान करेगी।
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