ओडिशा अंत्योदय गृह योजना 2025
हर परिवार को पक्का घर देने की दिशा में बड़ा कदम
ओडिशा सरकार ने ग्रामीण परिवारों को पक्के घर की सुविधा देने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक पहल शुरू की है, जिसका नाम है “अंत्योदय गृह योजना” (Antyodaya Gruha Yojana)। यह योजना राज्य के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी द्वारा 20 अगस्त 2025 को शुरू की गई थी।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन परिवारों को आवास सुविधा देना है जो अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) या अन्य सरकारी आवास योजनाओं से वंचित रह गए हैं।
योजना का उद्देश्य
अंत्योदय गृह योजना का मूल लक्ष्य है कि ओडिशा राज्य के हर ग्रामीण परिवार के सिर पर एक पक्का छत हो। सरकार चाहती है कि कोई भी परिवार अब कच्चे मकान में न रहे और हर घर में रहने योग्य सुविधाएँ हों। इस योजना के माध्यम से सरकार ऐसे परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है जो या तो बेघर हैं या कच्चे मकान में रह रहे हैं।
योजना का संचालन और कार्यान्वयन
इस योजना का संचालन पंचायती राज एवं पेयजल विभाग (Panchayati Raj & Drinking Water Department) द्वारा किया जा रहा है। वहीं, योजना को जमीनी स्तर पर लागू करने की जिम्मेदारी पंचायत समितियों (Panchayat Samities) को दी गई है।
सरकार ने इस योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में लगभग ₹2,603 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है ताकि किसी भी पात्र परिवार को सहायता से वंचित न रहना पड़े।
वित्तीय सहायता और किश्तों का वितरण
अंत्योदय गृह योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को सरकार की ओर से ₹1,20,000/- की वित्तीय सहायता दी जा रही है। यह राशि घर के निर्माण कार्य के तीन चरणों में जारी की जाती है—
किश्त | निर्माण की स्थिति | राशि |
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पहली किश्त | कार्य आदेश जारी होने पर | ₹40,000/- |
दूसरी किश्त | छत का निर्माण पूरा होने पर | ₹65,000/- |
तीसरी किश्त | मकान पूर्ण होने पर | ₹15,000/- |
कुल राशि | ₹1,20,000/- |
इसके अलावा, जो लाभार्थी निर्धारित समय में घर का निर्माण पूरा करते हैं, उन्हें अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाती है—
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4 महीने में घर पूरा करने पर ₹20,000/-
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6 महीने में घर पूरा करने पर ₹10,000/-
यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भेजी जाती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
योजना के प्रमुख लाभ
अंत्योदय गृह योजना न केवल एक आवासीय सहायता योजना है, बल्कि यह ग्रामीण गरीब परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक कदम है।
इस योजना के मुख्य लाभ इस प्रकार हैं:
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₹1,20,000/- की आर्थिक सहायता पक्के घर के निर्माण हेतु।
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90 से 95 दिनों का रोजगार मनरेगा (MGNREGA) के अंतर्गत।
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तेज़ी से निर्माण पूरा करने पर अतिरिक्त इनाम।
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घर के साथ रसोई और शौचालय जैसी स्वच्छता सुविधाएँ अनिवार्य।
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गरीब, दिव्यांग, या आपदा से प्रभावित परिवारों को प्राथमिकता।
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बेघर परिवारों को आवासीय भूखंड (Housing Sites) भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
पात्रता की शर्तें
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सहायता उन्हीं परिवारों को मिले जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता है।
योजना के तहत पात्रता के कुछ प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
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आवेदक ओडिशा राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।
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केवल ग्रामीण क्षेत्रों के परिवार इस योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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आवेदक या उसका परिवार बेघर हो या कच्चे मकान में रह रहा हो।
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फॉरेस्ट राइट एक्ट (FRA) 2006 के लाभार्थी पात्र हैं।
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जिन परिवारों के मुखिया 40% या अधिक विकलांग हैं, वे भी पात्र हैं।
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ऐसे परिवार जो आय के दृष्टि से निम्न वर्ग में आते हैं और अन्य योजनाओं से वंचित रह गए हैं।
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प्राकृतिक आपदाओं (जैसे बाढ़, आग, भूकंप, चक्रवात, हाथी उपद्रव आदि) या मानवजनित हिंसा के कारण जिनके घर नष्ट हुए हैं।
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सरकार की परियोजनाओं (जैसे सड़क, सिंचाई, बांध, आदि) के कारण पुनर्वास या स्थानांतरण वाले परिवार।
अर्हता से बाहर (Ineligibility)
कुछ परिवारों को इस योजना से बाहर रखा गया है ताकि वास्तविक जरूरतमंदों को प्राथमिकता दी जा सके। निम्नलिखित वर्ग योजना के लिए अयोग्य माने गए हैं:
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जो परिवार पहले से पक्के मकान में रहते हैं।
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कोई सदस्य केंद्र या राज्य सरकार का कर्मचारी हो (सेवारत या सेवानिवृत्त)।
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परिवार के पास चारपहिया वाहन या मशीनी कृषि उपकरण हों।
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परिवार का कोई सदस्य ₹15,000/- या उससे अधिक मासिक आय प्राप्त करता हो।
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जिनके पास 2.5 एकड़ या अधिक सिंचित भूमि या 5 एकड़ या अधिक असिंचित भूमि हो।
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जो पहले से किसी अन्य आवास योजना (PMAY या Biju Pucca Ghar आदि) का लाभ ले चुके हों।
आवश्यक दस्तावेज़
सर्वेक्षण के दौरान पात्र परिवारों को नीचे दिए गए दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे:
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आवेदक का हाल का पासपोर्ट साइज फोटो
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आधार कार्ड
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राशन कार्ड
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परिवार की आय प्रमाण पत्र
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बैंक खाता संख्या एवं IFSC कोड
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दिव्यांग प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
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मोबाइल नंबर
आवेदन की प्रक्रिया
इस योजना में कोई सीधा आवेदन (Direct Application) प्रक्रिया नहीं है। लाभार्थियों का चयन स्थानीय प्रशासन द्वारा किया जाता है।
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जिले के जिला कलेक्टर, बीडीओ और तहसीलदार मिलकर जमीनी सत्यापन के बाद पात्र परिवारों की सूची तैयार करते हैं।
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यह सूची पंचायती राज एवं पेयजल विभाग को भेजी जाती है।
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विभाग मुख्यमंत्री कार्यालय से स्वीकृति प्राप्त कर सूची को आगे ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (BDO) को भेजता है।
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बीडीओ द्वारा पात्र परिवारों के नाम पर आवास स्वीकृत किए जाते हैं और पहली किश्त जारी की जाती है।
लाभार्थी को यह ध्यान रखना चाहिए कि पहली किश्त मिलने की तारीख से 12 महीने के अंदर घर का निर्माण कार्य पूरा करना अनिवार्य है।
नवीनतम अपडेट
19 अक्टूबर 2025 को मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी ने अंत्योदय गृह योजना के चौथे चरण (4th Phase) का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने लगभग 48,693 लाभार्थियों के खातों में सीधे ₹40,000/- की पहली किश्त स्थानांतरित की।
पहले और दूसरे चरण में क्रमशः 60,000 और 50,000 से अधिक परिवारों को पक्के घर के लिए सहायता दी जा चुकी है।
संपर्क विवरण
अगर किसी लाभार्थी को सहायता या जानकारी की आवश्यकता हो, तो वे अपने ब्लॉक विकास अधिकारी (BDO) से संपर्क कर सकते हैं या हेल्पलाइन नंबर 0674-6817777 पर कॉल कर सकते हैं।
इसके अलावा, योजना की विस्तृत जानकारी ग्रामीण आवास पोर्टल (Rural Housing Portal) पर भी उपलब्ध है।
निष्कर्ष
अंत्योदय गृह योजना ओडिशा सरकार की एक ऐसी पहल है जो गरीब और वंचित वर्ग के जीवन में स्थायित्व, सुरक्षा और सम्मान लेकर आई है। यह योजना केवल एक आवास योजना नहीं, बल्कि सामाजिक समानता और “सबका साथ, सबका विकास” के सिद्धांत की सच्ची मिसाल है।
सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है — “हर घर पक्का घर”, और अंत्योदय गृह योजना उस दिशा में एक सशक्त कदम है।
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